Virtual RAM kya hai | वर्चुअल रैम का उपयोग (2024)

हेलो दोस्तों आपने अपने मोबाइल फ़ोन में एक फीचर वर्चुअल रैम (Virtual RAM) को जरूर देखा होगा कंपनिया भी आपको इसके बारे में advertise करके बताती है की इस फ़ोन में 8 जीबी रैम और 8 जीबी virtual ram है जो कि आपके Smartphone को 16GB रैम वाला Smartphone बना देती है पर क्या आपने कभी सोचा है यह virtual ram kya hai what is virtual ram in hindi और क्या सच में आपका Smartphone 16 gb रैम की performance देगा virtual रैम का उपयोग करने से क्या कोई अंतर होता है तो आज हम आपको इसके भी बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं कि वर्चुअल रैम क्या है वर्चुअल रैम का उपयोग क्या है तो कृपया लेख को अंत तक अवश्य पढ़े.

वैसे सरल शब्दों में कहा जाए तो आप अपने smartphone में extra memory  (RAM) add नहीं कर सकते हो जब smartphone बनाया जा रहा होता है तो उसमे तय की गयी मेमोरी (रैम) ही physical ram होती है और वही आपके smartphone के performace को तय करती है आपको भले ही theorytically performance में virtual रैम से boost मिल जाए किन्तु practically ऐसा possible नहीं होता है.

तो फिर कंपनियां virtual रैम क्यों अपने स्मार्टफोन में देती है तो इसका उत्तर प्राप्त करने के लिए हमें थोडा रैम के बारे में जान लेना चाहिए.

RAM kya hota hai (What is RAM in Hindi)

virtual ram kya hai

RAM जिसका full form Random Acess Memory होता है जो हमारे स्मार्टफोन, कंप्यूटर तथा अन्य devices में भी पाया जाता है RAM में आपके द्वारा उपयोग किये जा रहे app की activity और उसका data होता है जो app रैम से acess करती है क्योंकि रैम बहुत ही fast memory होती है जो डिवाइस के performance पर बहुत अधिक प्रभाव डालती है.

रैम, प्रोसेसर से सीधे कनेक्ट होती है जिससे वह उससे आसानी से communicate कर सके जिससे data को अधिक तेजी से प्राप्त करने में processor को आसानी होती है.

ऑपरेटिंग सिस्टम और रैम मैनेजमेंट

ऑपरेटिंग सिस्टम का अपना RAM Management Process होता है जो रैम को utilize करती है एंड्राइड का भी अपना रैम मैनेज करने का process होता है रैम का कुछ स्टोरेज smartphone विडियो memory और cellular modem के लिए reserve कर रख लिया जाता है जिस कारण यदि आपके फ़ोन में 12 gb रैम है तो आपको Use के लिए 11gb ही मिलती है.

App रैम में इनस्टॉल नहीं होते हैं किन्तु वह load लिए जाते हैं जब भी हम कोई app को open करते हैं तो उसके activity और data रैम में load हो जाती है और हम उस एप का उपयोग कर पाते हैं.

एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम को low resource सिस्टम की तरह बहुत ही optimise किया गया है जो आपके memory को बहुत अलग तरह से मैनेज करता है एंड्राइड अपने यूजर के फ़ोन uses से सीखता है और जो apps आप सबसे अधिक उपयोग करते हैं उन्हें रैम में load कर लेता है जिससे जब भी आप उस app का उपयोग करते हैं तो वह instant ही आपके स्क्रीन पर load हो जाती है और जब तक आपके smartphone को free RAM की आवश्यकता नहीं होती है तब तक वह app रैम में बनी रहती है.

Linux kernel जो कि एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम उपयोग करती है Swap file का उपयोग करती है या कर सकती है विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम और मैक ऑपरेटिंग सिस्टम भी इसका उपयोग करते हैं.

Swap file एक ऐसी फाइल होती है जो app को और उसके data को store कर सकती है जिसे आवश्यकता पढने पर app को बड़ी ही तेजी से load किया जा सके यदि आप कोई app open करते है और वह swap partition में available है तो वह fast load होगी बजाय इसके की वह कभी open ही नहीं हुई है.

इस प्रकार से ही रैम बूस्ट और दुसरे वर्चुअल रैम के feature कार्य करते हैं वैसे तो पेपर पर यह बहुत अच्छा लगता है कि data को store करने और swap करने के लिए स्टोरेज ड्राइव अच्छा विकल्प है क्योंकि यह एक physical RAM की तरह ही कार्य करता है जिस कारण से सभी कंप्यूटर भी किसी न किसी प्रकार से इनका उप्योग किया जाता है.

Smartphone कंपनिया ऐसे फ़ोन इसलिए बनती है क्योंकि कम पैसे में वह आपको अधिक performance देने की दावा करती है साथ ही लोगो को भी ऐसे term सुनना पसंद होता है जिस कारण से भी कंपनिया ऐसा करती है.

Virtual RAM Kya Hai (What is Virtual RAM in Hindi)

Smartphone और Computer में अंतर होता है जिस कारण से यदि हम Swap partition (Virtual RAM) का उपयोग करते है तो app data transfer बहुत अधिक slow हो जाता है क्योंकि एंड्राइड को कम से कम memory (RAM) में भी चले इस प्रकार से बनाया गया है और स्टोरेज डिवाइस रैम की तुलना में कही अधिक slow होते हैं और यह CPU से direct connected भी नहीं होते हैं.

यदि आप रैम बूस्ट या वर्चुअल रैम विकल्प का उपयोग करते हैं तो आप पाएंगे की आपके app load होने में अधिक समय लगेगा और साथ ही कई glitch और crash भी आपके देखने मिलेंगे.

इसका उत्तर हमने आपको पहले ही बताया है कि रैम की तुलना में स्टोरेज डिवाइस बहुत अधिक slow होते हैं और एक निश्चित समय में app को load करने में अक्षम होते हैं जिससे हमें फ़ोन की performance इन विकल्प से बढ़ने के बजाय slow लगती है.

हम आपको recommend करेंगे की आप इस फीचर का उपयोग न करे हाँ यदि आप अपने फ़ोन को slow करना चाहते हैं तो आप इस विकल्प का उपयोग कर सकते हैं वैसे भी स्टोरेज ड्राइव की एक usable life होती है वह उतने बार ही data read write कर सकता है यदि आप ऐसे व्यक्ति है जो दिन में कई बार एप (App) open close करते रहते हैं तो बहुत जल्द आपके स्टोरेज की read-write cycle समाप्त हो जाएगी और ऐसे में डिवाइस में नया data add नहीं किया जा सकेगा और डिवाइस unusable हो जाएगी ऐसे में virtual RAM के स्थान पर actual RAM का उपयोग करना अधिक sense बनाता है.

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निष्कर्ष : Virtual Ram kya hai

आज हमने जाना कि Virtual RAM kya hai (what is virtual ram in hindi) वर्चुअल रैम का उपयोग और हमें virtual ram का उपयोग करना चाहिए या नहीं, यदि यह जानकारी आपको अच्छी लगी तो दुसरो तक अवश्य share करे और comment में अपने विचार जरूर व्यक्त करे धन्यवाद|

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