पोर्ट फोर्वार्डिंग क्या है | What is Port Forwarding in Hindi

हेलो दोस्तों आज हम जानेगे कि पोर्ट फोर्वार्डिंग क्या है? what is port forwarding in hindi, पोर्ट फोर्वार्डिंग का उपयोग, पोर्ट फोर्वार्डिंग की आवश्यकता क्यों है और यह क्या काम आता है, ऐसी ही और भी कई जानकारी पोर्ट फोर्वार्डिंग के बारे में इस लेख में बताया गया है.

सारी जानकारी के लिए लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें.

पोर्ट फोर्वार्डिंग क्या है | What is Port Forwarding in Hindi

Port forwarding इन्टरनेट के माध्यम से किसी निजी कंप्यूटर में private network से दुसरे कंप्यूटर और सर्वर को जुड़ने की अनुमति देता है.

पोर्ट फोर्वडिंग को हम port mapping भी कहते हैं, जो आपके private network में जुड़े कंप्यूटर पर आ रहे incoming connection को कहाँ redirect करना है यह राऊटर को बताता है.

यह कार्य आपके राऊटर के द्वारा किया जाता है जो यह सुविधा प्रदान करता है, पोर्ट एक लॉजिकल एड्रेस होता है यह 0 से 65535 तक होता है.

इन्टरनेट के द्वारा अपना कंप्यूटर एक्सेस करने की प्रक्रिया, remote camera access, remote desktop, ip camera service इन सभी सेवाओ में port forwarding का उपयोग होता है.

यदि आपने इनमे से कोई भी सुविधा का उपयोग किया है तो वह पोर्ट फोर्वार्डिंग के माध्यम से ही पाया है.

इससे पिछले लेख में हमने NAT के बारे में जाना था जो कि राऊटर की एक सुविधा है जो public ip address को private ip address में और private ip address को public ip address में translate करता है, जिससे कई कंप्यूटर को एक साथ इन्टरनेट से एक ही public ip का उपयोग कर जोड़ा जा सके.

राऊटर एक ऐसा नेटवर्क डिवाइस होता है जो एक public ip द्वारा इन्टरनेट कनेक्शन सभी कंप्यूटर पर प्रदान करता है और यह NAT feature द्वारा किया जाता है.

पोर्ट फोर्वडिंग NAT की तरह ही राऊटर की एक सुविधा है जो NAT के अंतर्गत आती है.

NAT के बारे में जानने के लिए आप NAT kya hai यह लेख पढ़ सकते हैं.

पोर्ट फोर्वार्डिंग के प्रकार | Types of Port Forwarding in Hindi

पोर्ट फोर्वार्डिंग 3 प्रकार की होती है (3 types of port forwarding)

  • Local Port Forwarding
  • Remote Port Forwarding
  • Dynamic Port Forwarding

पोर्ट फोर्वार्डिंग कैसे कार्य करता है | How Port Forwarding Works in Hindi

what is port forwarding in hindi

जब भी हम किसी डिवाइस को नेटवर्क पर request भेजते हैं तो ip address के साथ जिस सेवा के लिए request की गयी है उसके लिए एक port नंबर भी ip के साथ assign किया जाता है जिससे request की गयी सुविधा केवल उसी ip वाले सिस्टम को मिले जिससे वह request की गयी थी.

जैसे http के लिए port 80, ftp port 21, telnet के लिए port 23 assign की जाती है एक ही ip से हम बहुत से सेवाओ के लिए request भेज सकते हैं और उस सेवा के अनुसार port number बदलता रहता है जबकि ip same रहती है.

राऊटर का उपयोग कर जब भी हम किसी वेब पेज और सर्विस के लिए इन्टरनेट पर request send करते हैं तो राऊटर को यह जानकारी होना आवश्यक है कि उस request को कहाँ भेजना है या फॉरवर्ड करना है यदि port forwarding नहीं की जाएगी तो ऐसी स्थिति में भेजी गयी request आपके राऊटर द्वारा recieve नहीं की जाएगी क्योंकि उस request को accept करने के लिए कोई और सिस्टम या सेवा कहीं उपलब्ध नहीं है.

राऊटर द्वारा request तब फॉरवर्ड की जाती है जब forwarding table में एंट्री उपलब्ध हो, अन्यथा वह request decline कर दी जाती है.

उदाहरण के लिए आपने कंप्यूटर पर remote desktop connection के लिए 192.168.1.100 ip में port 32231 को assign किया है जिससे आपके friends कंप्यूटर से जुड़ सकें अब ऐसी स्थिति में राऊटर के WAN में port 32231 की एंट्री होगी जिससे राऊटर nat table और forwarding table create कर सके.

अब जब आपके friend के द्वारा 192.168.1.100:32231 को access किया जाएगा तो राऊटर द्वारा यह request RDC service को फॉरवर्ड कर दी जाएगी जिससे आपके friend के द्वारा आपका सिस्टम access किया जा सकेगा.

यदि RDC के लिए कोई भी port assign नहीं की गयी है तो ऐसी स्थिति में remote desktop के लिए भेजी गयी कनेक्शन request accept नहीं होगी.

पोर्ट फोर्वार्डिंग क्यों आवश्यक है | Why Port Forwarding is Important

यदि आप सोच रहे हैं कि port forwarding क्यों आवश्यक है तो मैं आपको बताना चाहूँगा कि पोर्ट फोर्वार्डिंग remote connection के लिए अति आवश्यक होती है.

आपके सिस्टम के अन्दर एक फ़ायरवॉल होता है जो किसी unwanted user को आपके कंप्यूटर को access करने से रोकता है.

उदाहरण के लिए यदि आपके सिस्टम की ip की जानकारी यदि किसी यूजर को है और उसे आपके कंप्यूटर को या किसी सेवा को access करना है तो उसे ip के साथ port number की जानकारी होना आवश्यक है जिसमे वह सेवा configure है.

यदि एक वेब सर्वर है जो कि private network पर hosted है जिसे इन्टरनेट यूजर port 80 का उपयोग कर connect हो सकते हैं तो आपको external ip address और port 80 तथा internal ip और port 80 को map करना होगा जिससे यूजर आपके web server को आपके ip address और port का उपयोग कर access कर सकें

यह एक security layer की तरह कार्य करता है जिससे आपके कंप्यूटर को इन्टरनेट पर सुरक्षित रखा जा सके.

पोर्ट फोर्वार्डिंग कहाँ उपयोग किया जाता है?

पोर्ट फोर्वार्डिंग का उपयोग virtual desktop connection में, cctv camera, game server, file server आदि में किया जाता है.

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निष्कर्ष

आज हमने जाना कि पोर्ट फोर्वार्डिंग क्या है? what is port forwarding in hindi, पोर्ट फोर्वार्डिंग क्यों किया जाता है, पोर्ट फोर्वार्डिंग का क्या उपयोग है और पोर्ट फोर्वार्डिंग क्यों आवश्यक है.

कमेंट में हमें बताएं पोर्ट फोर्वार्डिंग क्या होता है यह जानकारी आपको कैसी लगी और यदि यह जानकारी आपको अच्छी लगी तो दूसरों तक अवश्य share करें, धन्यवाद|

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