NAT क्या है | What is NAT in Hindi

हेलो दोस्तों आज हम जानेंगे कि NAT क्या है? what is NAT in hindi, NAT के उपयोग, how NAT work in hindi, NAT कैसे कार्य करता है, NAT के प्रकार types of NAT in hindi.

NAT क्या है | What is NAT in Hindi

NAT का full form (Network Address Translation) होता है और NAT का उपयोग बहुत से private IP address को public IP address में और public IP address को private IP address में translate करने का कार्य करता है.

किसी प्राइवेट नेटवर्क पर हम private IP address का उपयोग करते हैं जो डिवाइस को आपस में एक दुसरे से जोड़ता है

जिसके माध्यम से प्राइवेट नेटवर्क में हम एक दुसरे कंप्यूटर को access कर सकते हैं, प्राइवेट आईपी एड्रेस से हम इन्टरनेट access नहीं कर सकते हैं, इन्टरनेट चलाने के लिए हमें public ip address की आवश्यकता होती है

जब हम इन्टरनेट कनेक्शन लेते हैं तो हमें एक public ip address प्राप्त होती है जिससे इन्टरनेट चलाया जा सके यदि हमें एक से अधिक कंप्यूटर पर एक ही ip address से बहुत से कंप्यूटर पर या अन्य डिवाइस पर इन्टरनेट चलाना हो, ऐसी स्थिति में हम बहुत से public ip address का उपयोग न कर NAT का उपयोग करते हैं.

NAT हमें एक पब्लिक आईपी एड्रेस से बहुत से कंप्यूटर और अन्य डिवाइस को इन्टरनेट चलाने की अनुमति देता है, NAT का use कर हम एक ही public ip address का उपयोग कर बहुत से कंप्यूटर और डिवाइस पर इन्टरनेट चला सकते हैं.

public ip address के लिए हमें पैसे देने पड़ते हैं और यदि हमारे पास बहुत ही बड़ा नेटवर्क है जिसपर इन्टरनेट की आवश्यकता है तो ऐसी स्थिति में हमें बहुत अधिक पैसे खर्च करने होगें जो कि सहीं नहीं होगा.

इस समस्या से बचने के लिए NAT का use किया जा सकता है NAT private ip address को public ip address में translate कर इन्टरनेट पर दिखाता है

जिसके कारण हम एक ही public ip address का उपयोग पर बहुत से डिवाइस पर एक साथ इन्टरनेट चला सकते हैं.

NAT कैसे कार्य करता है | How NAT Works in Hindi

what is nat in hindi

उदाहरण के लिए आपके पास एक राऊटर है जिससे एक मोबाइल और दो कंप्यूटर जुड़ा हुआ है कंप्यूटर आपस में केबल से connected हैं और उनमे private ip address configure किया गया है.

यदि हम चाहते हैं कि दोनों कंप्यूटर और मोबाइल को इन्टरनेट से जोड़ा जाए तो ऐसी स्थिति में कंप्यूटर और मोबाइल को एक public ip address की आवश्यकता होगी.

यदि आपके राऊटर में NAT configure है तो जब आप किसी वेब पेज को access करना चाहते हैं तो आपके कंप्यूटर द्वारा एक packet राऊटर को भेजा जाएगा

उस outgoing ip address के request को पूरा करने से पहले राऊटर आपके computer के private ip address को public ip address में change कर देगा

जिससे इन्टरनेट पर उस कंप्यूटर को public ip address द्वारा पहचाना जा सके क्योंकि आपके नेटवर्क में use हो रहे private ip address की जानकारी web server को नहीं होती है.

जब आपके request की गयी वेब पेज की जानकारी आपके public ip address को वापस भेजी जाती है तो वह राऊटर के public ip address द्वारा आपके कंप्यूटर को प्राप्त होती है

NAT का उपयोग कर राऊटर public ip address को private ip address में बदलकर उस request की गयी वेब पेज की जानकारी आपके कंप्यूटर तक पहुचता है.

NAT के प्रकार | Types of NAT in Hindi

आइये अब जाने कि types of NAT in hindi NAT कितने प्रकार के होते हैं

Static NAT in Hindi

जब एक private ip address को एक ही public ip address से map किया जाता है तो use हम static NAT कहते हैं इसमें one to one ip mapping/translation होता है.

यदि आपके पास 10 कंप्यूटर हैं तो आपको 10 public ip address की आवश्यकता होगी जिससे इन्टरनेट access किया जा सके इससे आपके इन्टनेट की cost बढ़ जाती है.

static nat का उपयोग वेब होस्टिंग के लिए किया जाता है.

Dynamic NAT in Hindi

dynamic NAT में public ip address का एक pool या समूह होता है जिसके द्वारा डिवाइस में इन्टरनेट access किया जाता है ip address के जितने pool हमारे पास होते हैं हम उतने डिवाइस से इन्टरनेट का access कर सकते हैं.

उदाहरण के लिए यदि हमारे पास 5 कंप्यूटर है और हमारे पास केवल 3 public ip address का pool है तो ऐसी स्थिति में हम केवल 3 कंप्यूटर पर ही एक समय में इन्टरनेट चला सकते हैं जैसे ही चौथे कंप्यूटर से इन्टरनेट access किया जाएगा packet drop हो जाएगा जिसके कारण इन्टरनेट चौथे कंप्यूटर पर access नहीं किया जा सकता है.

dynamic nat का उपयोग तब किया जाता है जब इन्टरनेट access करने के यूजर की संख्या fix होती है जिससे उतने ही ip का pool बनाया जा सके जिनकी आवश्यकता हो.

PAT in Hindi (Port Address Translation)

इसे NAT ओवरलोड भी कहा जाता है PAT का उपयोग कर बहुत से private ip address को एक single public ip address में translate किया जा सकता है.

क्योंकि हम एक ही ip address का उपयोग कर रहे हैं तो कोई confusion न हो इसके कारण इसमें हर ip address के साथ port number attach कर दिया जाता है जिससे request की गयी जानकारी किस ip address के लिए है यह पता लगाया जा सके.

सबसे अधिक उपयोग आज के समय में PAT का ही किया जाता है जिससे एक ip address का use कर multiple device में इन्टनेट access किया जा सके

Advantages of NAT in hindi

  1. nat से हम public ip address को private ip address में translate कर सकते हैं.
  2. यह हमें privacy प्रदान करता है traffic sending और receiving hidden होता है.
  3. नेटवर्क बढ़ाने पर address की renumbering करने की आवश्यता नहीं होती है.

Disadvantages of NAT in hindi

  1. ट्रांसलेशन के कारण path switch करने में अधिक समय लगता है.
  2. राऊटर एक नेटवर्क लेयर डिवाइस है port number के involve करने के कारण कई बार transport layer के में NAT के कारण समस्या हो सकती है.
  3. कुछ application NAT on होने पर कार्य नहीं करते हैं
  4. कुछ protocol में यह समस्या उत्पन्न करता है

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निष्कर्ष

आज हमें जाना NAT क्या है? what is NAT in hindi नेटवर्क एड्रेस ट्रांसलेशन क्या होता है इसके कार्य, उपयोग, लाभ, हानि सभी की जानकारी हमें प्राप्त की और जाना कि NAT की आवश्यकता क्यों है.

वैसे में आपको बता दूं कि ipv6 आने के कारण अब हमें NAT की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ipv6 में ip address की संख्या इतनी अधिक है कि कई वर्षो तक हम ip address assign करने की कोई समस्या नहीं होगी.

कमेंट में बताएं आपको यह जानकारी कैसी लगी और जानकारी दूसरों तक भी अवश्य share करें, धन्यवाद|

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