हेलो दोस्तों आज हम जानेगे कि बायोस क्या है? (what is bios in hindi), बायोस के प्रकार (types of bios in hindi), पहला बायोस, बायोस के कार्य, बायोस की जानकारी कैसे प्राप्त करें ,बायोस का उपयोग, बायोस में अंतर और भी बहुत कुछ.
जब भी कंप्यूटर स्टार्ट होता है तो जो पहला प्रोग्राम लांच होता है उसे बायोस करते हैं आज हम इस बायोस की जानकारी प्राप्त करेंगे।
बायोस क्या है? (What is BIOS in Hindi)

बायोस कंप्यूटर हार्डवेयर को निर्देश प्रदान करते हैं जिससे बेसिक हार्डवेयर लोड हो सके, तथा पोस्ट का उपयोग कर हार्डवेयर सही कार्य कर रहा है या नहीं उसकी जानकारी प्राप्त करते हैं.
बायोस एक नॉन वोलेटाइल मेमोरी होती है अतः पावर ऑफ होने के बाद भी इसकी जानकारी इसमें बनी रहती है ऑपरेटिंग सिस्टम ,बायोस सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों को आपस में जोड़ने का कार्य करती है.
दूसरे शब्दों में कहें तो बायोस यूजर को कंप्यूटर के अंदर लगे हार्डवेयर की इनफार्मेशन और उन्हें कॉन्फ़िगर करने की अनुमति प्रदान करता है.
बायोस input device, output device और cpu के बीच एक मीडिएटर का कार्य करती है यह जरूरी नहीं है कि सभी हार्डवेयर की जानकारी ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए रखा जाए.
सभी हार्डवेयर की जानकारी को बायोस हैंडल करता है.
बायोस के प्रकार (Types of BIOS in Hindi)
- UEFI
Unified Extensible Firmware Interface में हम 2. 2 TB या उससे अधिक साइज की ड्राइव को सपोर्ट करता है और यह पुराने master boot record (MBR) के स्थान पर guid partition table (GPT) का उपयोग करती है.
- Legacy
पुराने motherboard में हमें legacy bios देखने को मिलती है legacy bios में हम 2. 1TB से अधिक साइज की ड्राइव का उपयोग नहीं कर सकते हैं.
पहला बायोस प्रोग्राम कब और किसने बनाया?
पहला बायोस प्रोग्राम Gary kindall ने वर्ष 1975 में बनाया था जिसे CP/M ऑपरेटिंग सिस्टम में उपयोग किया गया था.
बायोस के कार्य (Functions of BIOS in Hindi)
बायोस ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड करने के लिए जिम्मेदार होता है इसमें बहुत से निर्देश होते हैं जो हार्डवेयर के लोड होने में आवश्यक होते हैं.
बायोस के फंक्शन इस प्रकार हैं
- POST
power on self test यह सबसे पहला टास्क होता है जिससे बायोस सभी हार्डवेयर के सहीं से कार्य करने की पुष्टि करता है यदि पोस्ट फ़ैल हो जाता है तो हमें कंप्यूटर पर एरर के साथ कुछ बीप भी सुनाई देती है.
- Booting
पोस्ट के रन होने के बाद बायोस द्वारा ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड किया जाता है और ऑपरेटिंग सिस्टम के लोड होने पर बायोस हार्डवेयर की एक्सेस ऑपरेटिंग सिस्टम को प्रदान कर देता है.
- BIOS Driver
बायोस ड्राइवर कुछ प्रोग्राम होते हैं जो एक नॉन वोलेटाइल मेमोरी चिप में स्टोर होते हैं जिनमे हार्डवेयर की बेसिक जानकारी होती है.
- BIOS Setup
बायोस सेटअप एक कॉन्फ़िगरेशन सॉफ्टवेयर होता है जो आपको हार्डवेयर सेटिंग्स कॉन्फ़िगर करने की अनुमति देता है जैसे डिवाइस सेटिंग्स पासवर्ड डेट और टाइम आदि.
कंप्यूटर में बायोस के प्रकार की जानकारी कैसे प्राप्त करें ?
बायोस के प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको बायोस सेटअप को एक्सेस करना होगा जिससे बायोस की जानकारी जैसे AMI , Award , Phoenix और बायोस वर्शन की जानकारी प्राप्त होगी।
बायोस बनाने वाली कंपनी
Dell , IBM , Gateway , Pheonix Technologies, BYOSOFT
बायोस कैसे ओपन करें? (How to Open BIOS in Hindi)
बायोस और सिस्टम के आधार पर बायोस एक्सेस करने के एक से अधिक तरीके हो सकते हैं आपको अपने सिस्टम के मॉडल के आधार पर इसकी जानकारी प्राप्त होगी।
- सबसे पहले अपना कंप्यूटर स्टार्ट करें
- कंप्यूटर मॉनिटर में कुछ सेकंड बाद आपको कुछ मैसेज दिखाई देंगे यहाँ हमें बायोस एक्सेस करने के लिए key का उपयोग करना होगा
- bios setup key प्रेस करें
- key प्रेस कर बायोस में जाएँ, यह key DEL, Esc, F1, F12 और अन्य भी हो सकती है
- बायोस कॉन्फ़िगरेशन एक्सेस करें
कुछ बायोस कीस
Acer: F2 या DEL, ASUS: F2 सभी के लिए, F2 या DEL motherboards, Dell: F2 या F12
HP: ESC या F10, Lenovo: F2 या Fn + F2, Lenovo (Desktops): F1
Lenovo (ThinkPads): Enter + F1, Samsung: F2, Sony: F1, F2, या F3, Toshiba: F2
बायोस की आवश्यकता क्यों है ?
बायोस motherboard का एक फर्मवेयर है जो कि कंप्यूटर से जुड़े सभी डिवाइस के चेकिंग और कॉन्फ़िगरेशन के लिए जिम्मेदार होता है जिसके द्वारा कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम को हार्डवेयर की एक्सेस प्रदान की जाती है बिना बायोस के ऐसा करना सम्भव नहीं होगा।
Legacy और UEFI बायोस में अंतर (Legacy vs UEFI Bios in Hindi)
UEFI | Legacy |
UEFI में हमें बेहतर यूजर इंटरफ़ेस मिलता है | Legacy में हमें एक बेसिक यूजर इंटरफ़ेस मिलता है |
UEFI GPT partition को सपोर्ट करती है | Legacy MBR partition को सपोर्ट करती है |
UEFI Boot Legacy की तुलना में fast होती है | Legacy Boot UEFI की तुलना में slow होती है. |
GPT सपोर्ट होने के कारण UEFI 9Zettabytes तक की स्टोरेज को सपोर्ट करता है. | MBR partition होने के कारण Legacy केवल 2TB स्टोरेज सपोर्ट करता है. |
UEFI पर mouse का उपयोग किया जा सकता है. | Legacy bios को keyboard द्वारा operate किया जाता है. |
UEFI Bios को अपडेट करना आसान होता है. | Legacy Bios को अपडेट करना कठिन होता है. |
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निष्कर्ष
आज हमने जाना कि बायोस क्या है? (what is bios in hindi), बायोस के प्रकार (types of bios in hindi), बायोस के कार्य (functions of bios in hindi) और भी बहुत कुछ.
आपको यह जानकारी कैसी लगी कमेंट में हमें जरूर बताएं और दूसरों तक अवश्य share करें, धन्यवाद|

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